Jai Chitra Gupt JI

Jai Chitra Gupt JI
Global Kayasth Family -GKF

Sunday, May 6, 2012

हम बिखर क्यों रहे हैं?


ये सवाल बहुत दिनों  से उभर रहा था कि हम बिखर क्यों रहे हैं? हम चित्रगुप्त की संतान और अपने बारह  भाइयों के परिवार को तोड़कर क्यों अलग अलग गुट बना रहे हैं? क्या हम भी राजनीति का शिकार हो रहे हैं? ऐसा कोई पिता तो नहीं चाहता है कि हमारे ही बच्चे अपने परिवार से टूट कर अलग अलग बिखर जाएँ.
 रोज ही कहीं न कहीं कुछ देखने को मिल जाता है --
"सक्सेना समाज" की मीटिंग.
"माथुर समाज" के सांस्कृतिक कार्यक्रम.
"निगम समाज" के कार्यों पर प्रकाश.  
              इसी तरह से और भी बन्धु अपने समूह को एकत्र करके कुछ किया करते हैं. क्या इससे हमारे बीच की दरार नहीं दिख  रही है. जब हम आज से दो पीढ़ी पहले कट्टरता की हद से गुजर रहे थे. अपने ही बड़ों को कहते सुना था कि श्रीवास्तव के शादी श्रीवास्तव में ही होनी चाहिए , ये हमसे  नीचे होते हैं और हम ऊँचे होते हैं. वह मानसिकता अब जब बदल चुकी है तब हम क्यों इधर उधर बिखर रहे हैं. अब हम सभी भाइयों को एक स्तर पर रख कर बात करते हैं और सबको बराबर सम्मान देते हैं. अब तो शादी में भी ऐसा कोई व्यवधान हम नहीं देख रहे हैं फिर क्यों हम अलग अलग समाज की बात कर रहे हैं. 
             ये शिकायत हम कहाँ करने जायेंगे? ये कायस्थ परिवार पत्रिका है और इसमें ही हम अपनों के एक साथ चलने और सोचने का आग्रह कर सकते  हैं और अगर हम कहीं बिखर रहे हैं तो उनको एक साथ लेकर चलने की बात कर सकते हैं.
POSTED BY रेखा श्रीवास्तव AT 6:16 AM 

No comments:

Post a Comment