दोस्तों निद्रा में आने से पहले किसी शायर का एक सूफियाना शेर प्रस्तुत है :
यह बाज़ी मोहब्बत की बाज़ी है नादां |
इसे जीतना है तो हारे चला जा ||
तमन्नाएँ आगोस में जाना अगर है |
गरीब अपनी हस्ती मिटाए चला जा || "........अर्थात...
यह बाजी प्रेम की बाजी है, इसे जीतेने के लिए पहले हारना पड़ता है , यानी प्रेम पाने
लिए सबकुछ न्योछावर करना पड़ता है | यदि प्रेम की गोद में जाने की चाह है तो
अपने अभीमान को मिटा कर दीन गरीबी धारण करले ....
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